वीर तेजाजी जी । राजस्थान के लोकदेवता ।तेजाजी । Tejaji Maharaj | dholiya jaat | Rajasthan GK

                                         
                                     कुँवर वीर तेजाजी जी 

                                                                    कुँवर तेजाजी जी 

कुँवर तेजाजी जी
 को  का भगवान शिव का ग्याहरवा अवतार माना जाता है और उनका जन्म नागवंशी क्षत्रिय जाट घराने  में हुआ था।

*  जन्म  तेजाजी का जन्म विक्रम संवत 1130 (1073) माघ सुदी चौदस को हुआ। श्री वीर तेजाजी महाराज (धोलिया वंश) के जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता राजस्थान में नागौर जिले के खरनाल के मुखिया तहाड जी जाट थे।

 अस्त्र  -  भाला , तलवार ओर धनुष-बाण

 जीवनसाथी   -    पेमल दे

 माता-पिता   -   तहाड़ जी धोलिया (पिता)
                        रामकंवरी (माता)

भाई-बहन   -   राजल (बहन)

 सवारी  -   लीलण (घोड़ी)

*   विवाह   तेजाजी का विवाह पेमल से हुआ था, रायमल जी मुथा की पुत्री थी, जो गाँव पनेर के प्रमुख थे। पेमल का जन्म बुद्ध पूर्णिमा विक्रम स॰ 1131 (1074 ई॰) को हुआ था। पेमल के साथ पुुुष्कर 1074 ई॰ में हुआ था जब तेजा 9 महीने के थे और पेमल 6 महीने की थी। विवाह पुष्कर पूर्णिमा के दिन पुष्कर घाट पर हुआ। पेमल के मामा का नाम खाजू-काला था, जो धोल्या परिवार से दुश्मनी रखता था और इस रिश्ते के पक्ष में नहीं था। खाजू काला और ताहड़ देव के बीच विवाद पैदा हो गया। खाजा काला इतना क्रूर हो गया कि उसने उसे मारने के लिए ताहड़ देव पर हमला कर दिया। अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए, ताहड़ देव को तलवार से खाजू काला को मारना पड़ा। इस अवसर पर तेजाजी के चाचा  भी उपस्थित थे। यह घटना पेमल की माँ को ठीक नहीं लगी जो अब ताहड़ देव और उसके परिवार से बदला लेना चाहती थी।

 मंदिर एवं मेले  तेजाजी के भारत में अनेक मंदिर हैं। तेजाजी का मुख्य मंदिर खरनाल में हैं। तेजाजी के मंदिर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात तथा हरयाणा में हैं। मुख्यतः जाटों की नगरी है। जाट भगवान शिव को तेजाजी के नाम से जानते हैं। अन्य मन्दिर  लादडिया , सुरसुरा 



                                             
                                                    Kunwar Tejaji ji      

 Kunwar Tejaji ji is considered to be the eleventh incarnation of Lord Shiva and he was born in Nagvanshi Kshatriya Jat family.

* Birth Tejaji was born on Vikram Samvat 1130 (1073) Magh Sudi Chaudas. Shri Veer was born in the Jat family of Tejaji Maharaj (Dholiya dynasty). His father was Tahadji Jat, chief of Kharnal in Nagaur district in Rajasthan.

  Weapons – spear, sword and bow and arrow

  Spouse - Give Pemal

  Parents – Tahad Ji Dholiya (Father)
                         Ramkanwari (mother)

Siblings – Rajal (Sister)

  Ride - Leelan (Mare)

* Marriage Tejaji was married to Pemal, daughter of Raimalji Mutha, who was the head of village Paner. Pemal was born on Buddha Purnima Vikram AD 1131 (1074 AD). Pushkar was born to Pemal in 1074 AD when Teja was 9 months old and Pemal was 6 months old. The marriage took place at Pushkar Ghat on the day of Pushkar Purnima. Pemal's maternal uncle's name was Khaju-Kala, who was hostile to the Dholya family and was not in favor of this relationship. A dispute arose between Khaju Kala and Tahar Dev. Khaja Kala became so cruel that he attacked Tahad Dev to kill him. To protect himself and his family, Tahad Dev had to kill Khaju Kala with the sword. Tejaji's uncle was also present on this occasion. This incident did not sit well with Pemal's mother who now wanted to take revenge from Tahar Dev and his family.

* Temples and Fairs Tejaji has many temples in India. The main temple of Tejaji is in Kharnal. Tejaji's temples are in Rajasthan, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Gujarat and Haryana. It is mainly a city of Jats. Jats know Lord Shiva as Tejaji. Other temples Ladadia, Sursura



About kamlesh vaishnav

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें